
1. वोटर ID और आधार लिंक करने की आवश्यकता
वोटर कार्ड और आधार कार्ड को लिंक करना कई कारणों से महत्वपूर्ण है:
- धोखाधड़ी से बचाव: कई बार एक ही व्यक्ति अलग-अलग स्थानों पर वोट डालने की कोशिश करता है। आधार कार्ड की बायोमेट्रिक जानकारी के साथ लिंक करने से इस प्रकार की धोखाधड़ी पर काबू पाया जा सकता है।
- निर्वाचन प्रक्रिया में सुधार: यह प्रक्रिया चुनावी सूची की शुद्धता को बढ़ाती है, जिससे चुनाव परिणाम अधिक सटीक होते हैं।
- सरकारी योजनाओं का लाभ: कई सरकारी योजनाओं में आधार कार्ड को लिंक करने की शर्त होती है, और वोटर ID से लिंक होने पर आपको इन योजनाओं का लाभ जल्दी और सही तरीके से मिल सकता है।
2. वोटर ID को आधार से लिंक करने के लाभ
- सटीकता में सुधार: वोटर ID को आधार से जोड़ने से चुनावी सूची में सुधार होगा और गलत तरीके से डाले गए वोटों को रोका जा सकेगा।
- सुविधा: आपको बार-बार पहचान के दस्तावेज़ दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि आधार कार्ड पहले ही आपके पहचान की पुष्टि कर चुका होगा।
- सहज प्रक्रिया: यह प्रक्रिया आसान और डिजिटल रूप से उपलब्ध है, जिससे समय और मेहनत दोनों बचती है।
3. वोटर ID को आधार से लिंक करने का तरीका
अब आइए जानते हैं कि वोटर ID को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया क्या है। यह प्रक्रिया आसान है और आप इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पूरा कर सकते हैं।
(i) ऑनलाइन लिंक करने की प्रक्रिया:
- मतदाता सेवा पोर्टल पर जाएं: सबसे पहले, आप भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) की आधिकारिक वेबसाइट https://www.nvsp.in/ पर जाएं।
- Login/Sign Up करें : यदि आपका इसमें पहले से रजिस्टर हैं तो "लोगिन" विकल्प चुनें अथवा पहले से रजिस्टर नहीं है तो "साइन अप" पर विकल्प चुनें
- Register करें: फिर अपने "EPIC no." या "Mob. no." फिल करें और रजिस्टर कर लें।
- "Aadhar Link" करें: New registration for general electors में 6 विकल्प चुनें।
- वोटर ID और आधार जानकारी भरें:अब आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, जन्म तिथि, पता, फोटो इत्यादि भरनी होती है।
- OTP वेरिफिकेशन: आधार और वोटर ID को लिंक करने के लिए, आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक OTP (One Time Password) मिलेगा। OTP डालने के बाद, आपकी जानकारी सत्यापित की जाएगी।
- लिंकिंग प्रक्रिया पूरी करें: OTP के सत्यापन के बाद, आपकी वोटर ID और आधार कार्ड लिंक हो जाएंगे। आपको एक कन्फर्मेशन स्क्रीन दिखाई देगी, जिससे यह पता चलेगा कि लिंकिंग सफलतापूर्वक हो गई है।
(ii) ऑफलाइन लिंक करने की प्रक्रिया:
अगर आप ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए वोटर ID और आधार को लिंक नहीं कर पा रहे हैं, तो आप इसे ऑफलाइन तरीके से भी कर सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- नजदीकी चुनाव कार्यालय में जाएं: आप अपने नजदीकी चुनाव कार्यालय (Election Commission Office) या Voter Help Center पर जा सकते हैं।
- फॉर्म भरें: चुनाव कार्यालय में आपको एक फॉर्म मिलेगा जिसे आपको भरकर देना होगा। इस फॉर्म में आपकी वोटर ID और आधार कार्ड के विवरण की जानकारी देनी होगी।
- आधार कार्ड की प्रति प्रस्तुत करें: फॉर्म के साथ आपको अपने आधार कार्ड की प्रति भी प्रस्तुत करनी होगी ताकि आपकी पहचान सत्यापित की जा सके।
- लिंकिंग की पुष्टि करें: चुनाव कार्यालय द्वारा आपके द्वारा दी गई जानकारी की जांच करने के बाद, वोटर ID और आधार कार्ड को लिंक कर दिया जाएगा। आपको एक कन्फर्मेशन प्राप्त होगी।
4. वोटर ID और आधार लिंकिंग में आने वाली समस्याएं और समाधान
(i) गलत जानकारी का मिलना:
(ii) आधार कार्ड में कोई त्रुटि:
अगर आपके आधार कार्ड में कोई गलत जानकारी है, तो आप UIDAI की वेबसाइट https://uidai.gov.in/ से अपना आधार कार्ड अपडेट कर सकते हैं। सही जानकारी के बाद लिंकिंग प्रक्रिया दोबारा आज़माएं।
(iii) ईमेल या मोबाइल नंबर से संबंधित समस्याएं:
5. क्या वोटर ID और आधार लिंक करना अनिवार्य है?
वर्तमान में, वोटर ID और आधार को लिंक करना कानूनी रूप से अनिवार्य नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग इसे एक अहम कदम मानता है, जिससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता आती है। हालांकि, अगर आप भविष्य में चुनावों में भाग लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह लिंकिंग प्रक्रिया आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।
6. निष्कर्ष
वोटर ID और आधार कार्ड को लिंक करना एक सरल और लाभकारी प्रक्रिया है, जो चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाती है। इससे न केवल चुनावी धोखाधड़ी को रोका जा सकता है, बल्कि यह सरकारी योजनाओं में भी आपकी पहचान सुनिश्चित करता है। ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है, और यदि आप सही जानकारी और दस्तावेजों के साथ इस प्रक्रिया का पालन करते हैं, तो यह बहुत ही आसान हो जाएगी।
आखिरकार, यह आपके नागरिक अधिकारों को और अधिक सशक्त बनाने का एक तरीका है, जिससे आपका वोट सही तरीके से पहचाना जा सके और चुनावी प्रक्रिया में आपकी भूमिका सुनिश्चित हो सके।